Dharma Maha Sammelan news in Jagran
सज्जन अहंकार नहीं करते : अवधूत
May 29, 10:15 pm
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बोकारो : आनंदमार्ग के संस्थापक व प्रवर्तक श्रीश्री आनंदमूर्ति जी के परम भक्तों ने रविवार को गुरु चर्चा, प्रवचन, अखंड- कीर्तन एवं अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत कर आनंद नगरी को तरंगायित कर दिया। इसी के साथ ही तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन का समापन हो गया। सम्मेलन के तीसरे दिन संस्था के वरिष्ठ पुरोधा आचार्य विश्व देवानंद अवधूत ने अपने प्रवचन में कहा कि संसार में जो कुछ भी है वह परम पुरुष का ही अभिप्रकाश है। सज्जन वे हैं जो दलित, पतित, असहाय व तथाकथित छोटे लोगों को भी सम्मान देते हैं। सज्जन लोग वे होते हैं जो घास के समान धरातल पर लेटे रहते हैं अर्थात अहंकार नहीं करते हैं। पेड़ के समान सहन करने की शक्ति रखते हैं। आनंदमार्ग प्रचारक संघ के रिलिफ विभाग आनंद यूनिवर्सल रिलिफ टीम ने आनंद पूर्णिमा के अवसर पर गरीबों के बीच सैकड़ों साड़ी व धोती का वितरण किया। इस अवसर पर केंद्रीय सचिव आचार्य रामानंद अवधूत ने कहा कि मानव सेवा ही माधव सेवा है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_7794636_1.html
आध्यात्मिक हुआ आनंद नगर
May 28, 10:48 pm
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सज्जन अहंकार नहीं करते : अवधूत
May 29, 10:15 pm
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बोकारो : आनंदमार्ग के संस्थापक व प्रवर्तक श्रीश्री आनंदमूर्ति जी के परम भक्तों ने रविवार को गुरु चर्चा, प्रवचन, अखंड- कीर्तन एवं अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत कर आनंद नगरी को तरंगायित कर दिया। इसी के साथ ही तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन का समापन हो गया। सम्मेलन के तीसरे दिन संस्था के वरिष्ठ पुरोधा आचार्य विश्व देवानंद अवधूत ने अपने प्रवचन में कहा कि संसार में जो कुछ भी है वह परम पुरुष का ही अभिप्रकाश है। सज्जन वे हैं जो दलित, पतित, असहाय व तथाकथित छोटे लोगों को भी सम्मान देते हैं। सज्जन लोग वे होते हैं जो घास के समान धरातल पर लेटे रहते हैं अर्थात अहंकार नहीं करते हैं। पेड़ के समान सहन करने की शक्ति रखते हैं। आनंदमार्ग प्रचारक संघ के रिलिफ विभाग आनंद यूनिवर्सल रिलिफ टीम ने आनंद पूर्णिमा के अवसर पर गरीबों के बीच सैकड़ों साड़ी व धोती का वितरण किया। इस अवसर पर केंद्रीय सचिव आचार्य रामानंद अवधूत ने कहा कि मानव सेवा ही माधव सेवा है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_7794636_1.html
आध्यात्मिक हुआ आनंद नगर
May 28, 10:48 pm
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चास, निसं : धर्म सम्मेलन के दूसरे दिन भी आनंद नगर का मुख्यालय आध्यात्मिक व आनंदमय रहा। बाबा नाम केवलम के अष्ठाक्षरी महामंत्र पर श्रद्धालुओं ने झूम-झूम कर कीर्तन किया। यहां पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानन्द अवधूत ने अपने प्रवचन में कहा कि आध्यात्म को अपना कर ही व्यक्ति जीवन की समस्याओं से मुक्त हो सकता है। मनुष्य प्राकृतिक संपदाओं का दोहन अपने भोग-विलास के लिए कर रहा है जिसका ही परिणाम है जलसंकट, अनावृष्टि व प्राकृतिक प्रकोप। विज्ञान का आविष्कार मनुष्य को आध्यात्म पथ पर चलने के लिए कई सुविधाएं प्रदान करता है, लेकिन मनुष्य द्वारा किए जा रहे गलत उपयोग के कारण आज वैज्ञानिक आविष्कारों पर प्रश्नचिह्न लग गया है। आचार्य अचिन्तानन्द अवधूत केन्द्रीय सचिव ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_7790478_1.html